Wednesday, September 9, 2009

Angat Angat





कोइ पुछे तो कहेना की वो चली गई हे हमारी दुनिया से दुर उसकी दुनीया मे,
एक रात के अंधेरे की गहराई मे, अपनो को छोडकर गेर सितारों की चमक मे


फिरभी दिखती नहि या धडकती नहि उन सितारो की चमक मे,
पता नही जाने कब कहा और क्यो गई हे मेरी यादे किसीको ढुंढने सपनोकी डोलीमे |



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